Class 10th Physics Chapter 3 Vidyut – Subjective Question
यदि आप फाइनल मैट्रिक बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और विज्ञान में अच्छा स्कोर करना चाहते हैं तो यह पोस्ट आपके लिए ही है इस पोस्ट में हम आपको भौतिकी का तीसरा चैप्टर विद्युत के बारे में डिटेल्स में डिस्कस करने वाले हैं। विद्युत में सिर्फ इतना ही क्वेश्चन आंसर यदि आप कंप्लीट कर लेते हैं तो इस चैप्टर में से आपके फाइनल मैट्रिक बोर्ड परीक्षा में विद्युत चैप्टर में एक भी प्रश्न नहीं छूटने वाला है , इसकी फुल गारंटी है तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें और एक-एक प्रश्न को कमांड कर ले ।
Subject | Physics |
---|---|
Class | 10th |
Chapter | 5 - Urja Ke Srot |
Session | 2026 |
Subjective Question | All Most VVI Questions |
1.चालक , अचालक , अर्धचालक एवं अति चालक की परिभाषा लिखें।
चालक – जिन धातुओं के तार से विद्युत धारा प्रवाहित होती है उसे चालक कहा जाता है। जैसे लोहा , तांबा इत्यादि
अचालक – जिन धातुओं के तार से विद्युत धारा का प्रवाह नहीं होता है उसे अचालक कहा जाता है। जैसे एबोनाइट के छड़ , ऊन तथा सूती धागे इत्यादि।
अर्धचालक – ऐसे पदार्थ जिनकी छलकता चालक पदार्थ की चालकता से कम और कुचालक पदार्थ की चालकता से अधिक हो उसे अर्धचालक कहते हैं। जैसे कार्बन , सिलिकॉन , जर्मेनियम इत्यादि।
अतिचालक – ऐसे पदार्थ जिनमें आती निम्न ताप पर धारा प्रवाहित करने पर बिना प्रतिरोध के अर्थात बिना ऊर्जा क्षय के धारा बहती रहती है उसे अतिचालक कहते हैं। जैसे बेरियम और लैथनम इत्यादि।
2. विद्युत धारा की प्रबलता की परिभाषा दें।
Ans – किसी चालक तार से प्रति सेकेण्ड बहने वाली आवेश को विद्युत धारा की प्रबलता कही जाती है।
- विद्युत धारा = आवेश/समय
3. एक वोल्ट की परिभाषा दें।
Ans – यदि किसी विद्युत धारावाही चालक के दो बिंदुओं के बीच एक कूलॉम आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में 1 जूल कार्य किया जाता है तो उन दो बिंदुओं के बीच विभवांतर 1 वोल्ट होता है।
- 1 V = 1 J/C
4. विद्युत आवेश क्या है? विद्युत आवेश कितने प्रकार के होते हैं?
Ans – विद्युत आवेश- आवेश कुछ मौलिक कणों का अकाट्य गुण है जिसके कारण आवेशित कण आपस में बल लगाते हैं। अगर ऊन द्वारा एबोनाइट के छड़ को रगड़ा जाए तो ऊन पर धन आवेश और एबोनाइट पर ऋण आवेश मुक्त होते हैं।
- आवेश दो प्रकार के होते हैं-धन आवेश और ऋण आवेश।
5. विद्युत परिपथ में फ्यूज तार का उपयोग क्यों किया जाता है ?
Ans – घर में लगे साधित्रों की सुरक्षा के लिए फ्यूज तार लगाया जाता है। यह उच्च विद्युत धारा के कारण तार गल कर परिपथ को भंग करता है और रेडियो, टीवी, बल्ब आदि को जलने से बचाता है।
6. विद्युत धारा की दिशा से आप क्या समझते हैं?
Ans – परिपाटी के अनुसार किसी विद्युत परिपथ में इलेक्ट्रॉनों जो ऋणावेशित हैं के प्रवाह की दिशा के विपरीत दिशा को विद्युत धारा की दिशा मानी जाती है।
7. विद्युत धारा के तीन व्यवहारिक उपयोगों को लिखें।
Ans – विद्युत के तीन व्यवहारिक उपयोग-
(i) विद्युत हीटर में
(ii) विद्युत केतली में
(iii) विद्युत बल्ब में।
8. सूखे बालों में कंघी करने से बाल-खड़े हो जाते हैं या कंघी के साथ कागज के कतरन आकृष्ट कर लिए जाते हैं। क्यों?
Ans – कचकड़े की कंघी से बाल को रगड़ने पर बाल तथा कंघी पर विपरीत आवेश उत्पन्न हो जाते हैं। अतः कंघी कागज के कतरन को आकर्षित करता है और आवेश के कारण बाल खड़े हो जाते हैं।
9. किसी चालक का प्रतिरोध किन-किन बातों पर निर्भर करता है ?
Ans – किसी चालक का प्रतिरोध निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है
- तार की लंबाई पर
- तार के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर
- तार के पदार्थ की प्रकृति पर
10. विद्युत विभव को परिभाषित करें एवं इसका S.I. मात्रक लिखें।
Ans – किसी बिन्दु P का विभव इकाई धन आवेश को अनंत से उस बिन्दु तक लाने में बाह्य कर्ता द्वारा किया गया कार्य है।
- विभव का SI पद्धति में मात्रक जूल/कूलम्ब है जिसे वोल्ट कहा जाता है।
- वोल्ट = जूल/कूलम्ब
11. उस युक्ति का नाम लिखिए जो किसी चालक के सिरों पर विभवान्तर बनाए रखने में सहायता करती है।
Ans – किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने के लिए सेल अपनी संचित रासायनिक ऊर्जा नियमित रूप से खर्च करता है जिससे विद्युत धारा निश्चित रहती है और चालकों के सिरों के बीच विभवांतर बना रहता है। यह परिवर्ती प्रतिरोध द्वारा सम्पन्न होती है।
12. विद्युत विभव और विभवांतर में क्या अंतर है?
Ans –
विद्युत विभव
- इकाई धन आवेश को अनंत से विद्युतीय क्षेत्र के किसी बिंदु तक लाने में सम्पादित कार्य को उस बिंदु पर का विभव कहते हैं।
- इसका S.I. मात्रक वोल्ट है।
विभवांतर
- दो बिंदुओं के बीच के विभवों के अंतर को विभवांतर कहते हैं।
- इसका भी S.1. मात्रक वोल्ट है।
13. यह कहने का क्या तात्पर्य है कि दो बिंदुओं के बीच विभवांतर 1 वोल्ट है?
Ans – यदि किसी विद्युत धारावाही चालक के दो बिंदुओं के बीच । कूलॉम आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में। जूल कार्य किया जाता है तो उन दो बिंदुओं के बीच विभवांतर 1 वोल्ट होता है।
- । वोल्ट = 1 जूल /1 कूलॉम
14. दो बिंदुओं के बीच के विभवांतर ज्ञात करने के लिए एक व्यजंक लिखें।
Ans – दो बिंदुओं के बीच विभवांतर (V) = किया गया कार्य (W)/आवेश (Q)
- V=W/Q
15. ऐमीटर और वोल्टमीटर की विद्युत परपिथ के साथ क्रमशः श्रेणीक्रम एवं समांतरक्रम में क्यों जोड़ा जाता है?
Ans – ऐमीटर धारा मापने की एक युक्ति है। अतः, इसे विद्युत परिपथ में श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है ताकि कुल धारा इससे होकर प्रवाहित हो। इसका प्रतिरोध बहुत कम होने के कारण प्रवाहित धारा का परिमापण नहीं बदलता है। वोल्टमीटर विद्युत-परिपथ में किन्हीं दो बिंदुओं के बीच विभवांतर मापने की युक्ति है। अतः, इसे उन दो बिंदुओं के समांतरक्रम में जोड़ा जाता है। इसका प्रतिरोध बहुत अधिक होने के कारण यह परिपथ से नगण्य धारा लेता है।
16. विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है?
Ans – आवेश में एक विद्युत प्रवाह के लिए बने बंद रास्ते को विद्युत परिपथ कहा जाता है

17. ओम के नियम को लिखें।
Ans – ओम के नियम- अचर ताप किसी चालक में बहने वाली विद्युतधारा की प्रबलता चालक के बीच उत्पन्न विभवान्तर के समानुपाती होती है।
- ओम के नियम से V= IR , जहां V = विभावांतर , I = विद्युत धारा , R= प्रतिरोध
- यहां R एक स्थिरांक है। इसे चालक का प्रतिरोध कहा जाता है।
18. प्रतिरोध क्या है? इसका सूत्र एवं मात्रक लिखें।
Ans – परिपथ में विद्युत धारा कम करने वाले रूकावट को प्रतिरोध कहा जाता है।
- ओम के नियम से, R= V/I
- यदि किसी चालक के दोनों सिरों के बीच विभवांतर 1 वोल्ट हो और उससे 1 एम्पियर की विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो चालक प्रतिरोध 1 ओम होगा।
- 1 ओम = 1 वोल्ट/1 एम्पियर
19. प्रतिरोध की उत्पत्ति का कारण क्या है?
Ans – जब तार में तथा सेल के अंदर इलेक्ट्रॉन का प्रवाह बिना रूकावट के नहीं होता है। अर्थात् आवेशित कणों के बीच टक्कर के कारण रूकावट उत्पन्न होता है। अतः परिपथ में धारा को कम करने वाले रूकावट के गुण को प्रतिरोध कहा जाता है। इसी कारण से प्रतिरोध उत्पन्न होता है।
20. किसी चालक का प्रतिरोध किन बातों पर निर्भर करता है?
Ans – चालक का प्रतिरोध निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है-
(i) चालक की लंबाई
(ii) चालक के अनुप्रस्थ परिच्छेद का क्षेत्रफल
(iii) चालक की प्रकृति पर।
21. विद्युत लैम्पों के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है?
Ans – टंगस्टन का गलनांक (3380°C) उच्च है। यह उच्च ताप से गलता है और गर्म होकर प्रकाश उत्सर्जित करता है। अन्य धातुओं के तार का गलनांक इसकी तुलना में कम है। ऐसी अवस्था में विजली बल्ब में टंगस्टन का उपयोग होता है।
22. घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है ?
Ans – घरों में बल्ब, पंखे अन्य विद्युत उपकरण पार्श्वक्रम में संयोजित रहते हैं। सभी उपकरणों के दोनों छोरों के बीच विभवांतर समान रहता है। एक के फ्यूज करने पर दूसरे में धारा का प्रवाह बंद नहीं होता है। उपकरणों के परिपथ में श्रेणी बद्ध जोड़ने पर हरेक उपकरणों में कम विभवांतर का संचार होने लगता है। एक बल्ब अगर फ्यूज कर जाए तो परिपथ में धारा का बहना बंद हो जायेगा। यही कारण है कि घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणी बद्ध संयोजन का उपयोग नहीं किया जाता है।
23. विद्युत प्रतिरोधकता क्या है तथा इसका S.I. मात्रक लिखें।
Ans – विद्युत प्रतिरोधकता किसी पदार्थ की अभिलाक्षणिक गुण है। धातुओं और मिश्रधातुओं के विद्युत प्रतिरोधकता अत्यंत कम होती है।
- विद्युत प्रतिरोधकता का S.I मात्रक ओम-मीटर है।
24. किसी तार का प्रतिरोध उनकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल में परिवर्तन के साथ किस प्रकार परिवर्तित होती है?
Ans – किसी चालक तार की प्रतिरोधकता तार के अनुप्रस्थ परिच्छेद के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होती है। अगर अनुप्रस्थ परिच्छेद का क्षेत्रफल बढ़ा दी जाती है तो तार की प्रतिरोधकता घट जाती है और अगर तार काफी पतला हो तो चालक तार की प्रतिरोधकता बढ़ जाती है।
25. ओमीय प्रतिरोध तथा नन-ओमीय प्रतिरोध क्या है?
Ans – ओमीय प्रतिरोध-वह प्रतिरोध जो ओम के नियम का पालन करता है। ओमीय प्रतिरोध कहलाता है।
- नन-ओमीय प्रतिरोध-वह प्रतिरोध जो ओम के नियम का पालन नहीं करता है, नन-ओमीय प्रतिरोध कहा जाता है।
26. विद्युत के उष्मीय प्रभाव का उपयोग करने वाले कुछ विद्युत उपस्कर के नाम लिखें।
Ans – विद्युत के उष्मीय प्रभाव का उपयोग करने वाले कुछ विद्युत उपस्कर के नाम
- विद्युत बल्ब
- विद्युत चूल्हा
- फ्यूज
- विद्युत इस्तरी
- टोस्टर
- गीजर
27. विद्युत संचरण के लिए प्रायः कॉपर तथा ऐलुमीनियम के तारों का उपयोग क्यों किया जाता है?
Ans – कॉपर तथा ऐलुमिनियम तारों का उपयोग इसलिए किया जाता है कि इनकी विद्युत प्रतिरोधकता अन्य तारों की अपेक्षा काफी कम होती है। कॉपर की प्रतिरोधकता 1.62 ओम मीटर और ऐलुमीनियम की प्रतिरोधकता 2.63 ओम मीटर है। साथ ही, अन्य धातुओं की तुलना में यह आसानी से उपलब्ध होता है। अधिक महँगे भी नहीं होते हैं।
28. प्रतिवर्ती प्रतिरोध क्या है?
Ans – स्त्रोत की बोल्टता में बिना कोई परिवर्तन किए परिपथ की धारा को निर्यात्रत – करने के लिए उपयोग किए जाने वाले अवयव को परिवर्ती प्रतिरोध कहते हैं।
29. विद्युत बल्ब में निष्क्रिय गैस क्यों भरी जाती है?
Ans – यदि यह निष्क्रिय गैस न भरकर बल्ब में हवा ही रहने दिया जाए तो गर्म होने पर तंतु हवा में वर्तमान ऑक्सीजन से ऑक्सीकृत होकर टंगस्टन को ऑक्साइड बना देगा और तंतु भंगुर होकर टूट जायेगा। अर्थात् बल्ब तुरंत फ्यूज हो जायेगा।
30. जूल के तापन नियम क्या है?
Ans – जूल के तापन नियम
(i) दिए गए प्रतिरोधक में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा का वर्ग उत्पन्न ताप के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होती है।
(ii). उत्पन्न ताप प्रतिरोधक के समानुपाती होती है।
(iii) उत्पन्न ताप समय के समानुपाती होती है जितने समय तक धारा प्रवाहित होती है।
- अगर चालक से बहने वाली विद्युत धारा । हो, चालक का प्रतिरोध R हो तथा समय t हो तो उत्पन्न ताप H = I2Rt
31. विद्युत तापन युक्तियों में जैसे ब्रेड-टोस्टर तथा विद्युत इस्तरी के चालक शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्रधातुओं के क्यों बनाए जाते हैं?
Ans – शुद्ध धातुओं के प्रतिरोधकता और गलनांक मिश्रधातुओं के प्रतिरोधकता और गलनांक की तुलना में काफी कम होता है। अतः ब्रेड-टोस्टर तथा विद्युत इस्तरी के चालक शुद्ध धातु का न बनाकर मिश्रधातु के बनाए जाते हैं। नाइक्रोम एक मिश्रधातु है जिसमें 60% निकेल, 26% लोहा, 12% क्रोमियम तथा 2% मैंगनीज रहता है।
- इस मिश्रधातु के प्रतिरोधकता और गलनांक काफी उच्च होते हैं।
32. तप्त तार एवं फ्यूज तार में क्या अन्तर है?
Ans – तप्त तार-उच्च गलन बिन्दु
- फ्यूज तार-निम्न गलन बिन्दु
33. किसी विद्युत हीटर की डोरी क्यों तप्त नहीं होती जबकि उसका तापन अवयव तप्त हो जाता है?
Ans – विद्युत हीटर में तापन अवयव मिश्रधातु का होता है। इसका गलनांक शुद्ध धातु की तुलना में अधिक है। अतः तापन अवयव की प्रतिरोधकता काफी ज्यादा होती है जिससे तापन अवयव गर्म होकर ठंडा पानी या कमरे के ताप में वृद्धि कर देता है। विद्युत हीटर के तार की प्रतिरोधकता काफी कम होती है जिससे डोरी गर्म नहीं होती है।
34. विद्युत शक्ति की परिभाषा लिखें।
Ans – कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं। अगर कोई कार्यकर्त्ता t सेकेण्ड में W कार्य करे तो
- P = W/t
- ऊर्जा के उपभुक्त होने की दर को शक्ति कहते हैं।
- शक्ति P को इस प्रकार व्यक्त करते हैं
- P = VI
- इसका S.I मात्रक वाट है।
35. किसी चालक तार से बहने वाली विद्युत धारा की प्रबलता की परिभाषा दें।
Ans – किसी चालक तार से प्रति सेकेण्ड बहने वाली आवेश को विद्युत धारा की प्रबलता कहते हैं।
- अगर किसी चालक तार से t सेकेण्ड में Q कूलाम आवेश प्रवाहित होती है तो
- विद्युत धारा की प्रबलता I = Q/t
- धारा का मान एम्पियर में जाता है।
36. विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण कैसे किया जाता है?
Ans – प्रतिरोध R के किसी प्रतिरोधक से विद्युत धारा ( I ) प्रवाहित हो रही है। मान लिया कि इसके सिरों के बीच विभवांतर V है। मान लिया कि इससे समय t में आवेश प्रवाहित होता है। आवेश विभवान्तर से प्रवाहित होने में किया गया कार्य VQ है। अतः स्रोत को समय t में VQ ऊर्जा की आपूर्ति करनी चाहिए।
- अतः स्त्रोत द्वारा परिपथ में निवेशित शक्ति P = VQ/l = VI
37. कूलॉम-नियम क्या है?
Ans – दो आवेश के बीच लगनेवाला बल उन दो आवेशों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती और उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।